डॉ. टिंकू दे (गोप)
विभाग प्रमुखविभाग का संक्षिप्त परिचय
त्रिपुरा विश्वविद्यालय में शिक्षा विद्यापीठ ने अपनी यात्रा सितंबर, 2018 में चार वर्षीय समेकित बीए बीएड/बीएससी बीएड पाठ्यक्रम के साथ आरंभ की। इस प्रकार के पाठ्यक्रम को संचालित करने के पीछे विभाग का विचार था कि वह अपने यहां से बड़ी संख्या में समर्पित शिक्षकों का निर्माण कर सकें ताकि वे देश के काम आ सकें। वर्ष 2019 में विभाग द्वारा दो-वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम भी प्रारंभ किया गया ताकि प्रशिक्षित शिक्षकों की बढ़ती मांग की पूरा किया जा सके। इन पाठ्यक्रमों के पाठ्य-सामग्री का निर्माण विभाग द्वारा एनसीएफटीई-2009, एनसीएफ-2005 तथा एनसीटीई-2014 की अनुशंसा व दिशानिर्देशों के अनुरूप किया गया। पाठ्य-सामग्री के निर्माण में इस बात का विशेष ध्यान रखा गया कि विभाग से सफलतापूर्वक पाठ्यक्रम पूरा करने वाले अभ्यर्थियों को अच्छी जगह पर नौकरी लग सके तथा वह विभिन्न प्रायोगिक परीक्षाओं के लिए तैयार हो सकें। पिछले वर्ष विभाग से अच्छे-खासे संख्या में छात्रों ने सी-टेट तथा टी-टेट परीक्षा उत्तीर्ण की है। यद्यपि यह विभाग नया है, तथापि विभाग से उत्तीर्ण हुए अभ्यर्थियों को विभिन्न प्रतिष्ठित शैक्षिक संस्थानों में नौकरियां मिली हैं। इसके साथ ही, विभाग विभिन्न प्रकार के विस्तारित गतिविधियों को भी आयोजित करता रहा है यथा – सामुदायिक सेवा तथा विद्यालयों का परिभ्रमण जो कि बीएड पाठ्यक्रम का ही भाग है। विभाग में न केवल त्रिपुरा के ही बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं बल्कि, देश के अन्य भागों से भी अभ्यर्थी यहां शिक्षा ग्रहण करने आते हैं।
विभाग कीदृष्टि एवं परिकल्पना:
विभाग को स्थापित करने के पीछे मुख्य उद्देश्य यह था कि शैक्षिक प्रतिष्ठानों में शिक्षकों की कमी को दूर किया जा सके। विभाग की इच्छा है कि वह मानवीय पूंजी को शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर तरीके से उपयोग कर सके। विभाग अपनी शैक्षिक यात्रा के क्रम में ऐसे शिक्षकों के निर्माण पर जोर दे रहा है जो अपनी संस्कृति व विरासत को बखूबी संभाल सकें तथा नवाचार के क्षेत्र में आने वाले परिवर्तन के अनुरूप अपने को अद्यतन कर सकें।
दृष्टि:
- उत्प्रेरक के तौर पर कार्य करना ताकि, शिक्षण एवं प्रशिक्षण की गुणवत्ता में सुधार आ सके।
- नवोन्मेषी शैक्षिक प्रविधि के माध्यम से सकारात्मक शिक्षण को पोषित, विकसित करने तथा शिक्षण एवं प्रशिक्षण के प्रति जागरुकता के उद्देश्य से भविष्य के शिक्षकों को विकसित करना।
- ऐसे कुशल कार्यबल को स्थापित करना जो ग्रामीण एवं शहरी तथा स्वदेशी एवं विदेशी आवश्यकताओं के भेद को मिटा सके।
- ऐसी शिक्षा-व्यवस्था विकसित करना जो स्वदेशी एवं वैश्विक आवश्यकताओं के बीच संतुलन स्थापित कर सके।
- पाठ्यक्रम, कक्षा तथा शिक्षण एवं प्रशिक्षण पद्धति में विविधता, समानता तथा समावेशी पद्धति को प्रोत्साहित करना।
- विभाग को नई सहस्राब्दी के अंतर्गत उच्च एवं लब्ध प्रतिष्ठित शिक्षा विद्यापीठ के तौर पर समुन्नत करना, जो वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठा हासिल कर सके।
- ऐसी शैक्षिक सुविधाओं को विकासित करना जिससे शिक्षण एवं छात्रवृत्ति के मध्य संतुलन स्थापित हो सके तथा सामाजिक शैक्षिक, आर्थिक तथा सांस्कृतिक चुनौतियों का सामना करने के लिए स्वयं को सक्षम बन सकें।
मिशन :
- मुख्यधारा की शिक्षा-व्यवस्था से दूर लोगों तक पहुंचने के लिए निपुणता एवं नवीन शैक्षिक कौशल का विकास करना।
- स्वदेशी एवं वैश्विक स्तर के सहजीवन की वकालत करना।
- शैक्षिक-शिक्षण को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से वैश्विक मत को प्रोत्साहित करना।
- छात्र-शिक्षक के समग्र व्यक्तित्व को विकसित कर उन्हें गुणवत्ता पूर्ण शिक्षक के तौर पर विकसित करना ताकि समाज को एक बेहतर शिक्षक मिल सके।
- शिक्षण-सिद्धांत को समग्रता में परिणत करना।
- राष्ट्र के समग्र विकास के लिए शिक्षण-व्यवसाय को संवर्धित करना।
उद्देश्य :
विभाग के उद्देश्य निम्न प्रकार से हैं :
- गुणवत्तापूर्ण शिक्षा बहाल करने के लिए सक्षम एवं कुशल शिक्षकों का निर्माण करना।
- शिक्षण एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आ रहे तेजी से बदलाब के मद्देनजर अपने छात्र-शिक्षकों को दक्ष पेशावर बनाने में उनकी मदद करना।
- शैक्षणिक व्यवहार के सैद्धांतिक एवं व्यावहारिक पहलुओं को एकीकृत करना।
- भावी शिक्षक को आश्यक शैक्षिक कौशल प्रदान करना।
- एक विषय के तौर पर शिक्षाशास्त्र को संवर्धित करने हेतु नेतृत्व प्रदान करना तथा शिक्षार्थियों के लिए बौद्धिक परिचर्चा आयोजित करना ताकि ज्ञान का समुचित विकास हो सके।
- शैक्षिक परिणामों के संवर्धन हेतु शिक्षा, शिक्षण एवं मूल्यांकन संबंधी सुधार हेतु नेतृत्व प्रदान करना।
- सामाजिक जिम्मेदारी के भाग के तौर पर सामुदायिक विकास एवं कार्यस्थल की व्यवस्था में भागीदारी सुनिश्चित करना।
- वैश्विक मंच के लिए उत्कृष्ट शिक्षक तैयार करना।
- ऐसे व्यावसायिकों का निर्माण करना जो समाज के मुख्यधारा के लोगों को आम जीवन में परिवर्तन लाकर उन्हें विकास की ओर अग्रसर करता हो।
- शिक्षा एवं शिक्षण के प्रति साकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करना।
- शिक्षण-प्रशिक्षण पद्धति को रुचिकर बनाने हेतु शिक्षकों को समुचित प्रशिक्षण प्रदान करना।
- ऐसे शिक्षकों का निर्माण करना जो पेशेवर, दक्ष एवं मानवीय मूल्यों से भरे हुए तथा नीतिवान हों।
- सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी को शिक्षा में समुचित उपयोग करने हेतु शिक्षकों को समुचित प्रशिक्षण प्रदान करना।
- शिष्यों को जिज्ञासु बनाने हेतु प्रयास करना।
- चारित्रिक एवं नैतिक विकास हेतु समुचित वातावरण का निर्माण करना।
- ऐसे स्व-अनुशासित व्यक्तित्व का निर्माण करना जो समुचित समय प्रबंधन के माध्यम से सराहनीय कार्य कर सकें।
करियर के रूप में :
- छात्र बीए, बीएड/ बीएससी बीएड डिग्री प्राप्त करने के उपरांत एमएड पाठ्यक्रम कर सकते हैं।
- छात्र सीटेट, टीईटी हेतु आवेदन दे सकते हैं।
- छात्र विभिन्न शैक्षिक संस्थानों में शिक्षक बन सकते हैं।
- विभाग से स्नातक स्तरीय पाठ्यक्रम सफलता पूर्वक पास करने वाले छात्र विभिन्न सरकारी तथा निजी एवं सरकारी सहायता प्राप्त संस्थानों में रोजगार पा सकते हैं।
- यहां के छात्र आगे स्नातकोत्तर स्तर पर अध्ययन कर सकते हैं।
- यहां से पास होने वाले छात्र ऐसे सभी पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं जिसके लिए योग्यता स्नातक रखी गई हो।
स्थापना वर्ष :
2018
विभागध्यक्ष (प्र.) :
डॉ. टिंकू दे (गोप)